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ताज़ा लेखों की झलक
अभी पढ़ें – "भारतीय भोजन इतना बुरा क्यों होता है?" जिसमें हम स्वाद की विविधता को समझाते हैं, और "सुप्रीम कोर्ट की अनुमति अफ्रीकी चीता को भारत लाने के लिए" जिसमें वन्यजीव संरक्षण की नई पहल दिखती है। साथ ही, 1947 में भारत में रहने के अनुभव और सर्वोच्च न्यायालय में मामलों के बंटवारे पर भी पूरा रिपोर्ट है।
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2 अक्टूबर को दिल्ली‑एनसीआर में हल्की‑बारिश, यूपी‑बिहार‑झारखंड में तेज़ बौछार की चेतावनी, और पर्वतीय क्षेत्रों में बाढ़‑भारी हवाओं की संभावना.
28 सितंबर 2025 को दुबई में भारत ने एशिया कप 2025 का फ़ाइनल जीतकर पाकिस्तान को पाँच विकेट से हराया, Jasprit Bumrah की बॉलिंग और Suryakumar Yadav की कप्तानी ने मुकाबला तय किया।
अरे बाबा, भारतीय खाना बुरा कैसे हो सकता है? यह तो उसकी समझ का सवाल है, जो इसे स्वादिष्ट नहीं समझता। वास्तव में, भारतीय खाना विश्व भर में अपनी विविधता और मसालों के लिए प्रसिद्ध है। मासालों का जो मिश्रण होता है, वो तो किसी संगीत की तरह होता है, जो आपके स्वाद को बहलाता है। तो दोस्तों, अगर कोई आपसे पूछे "भारतीय खाना इतना बुरा क्यों होता है?", तो आप उन्हें बता दें कि उनका स्वाद शायद ही उनकी बुद्धि से ऊचा हो सकता है। अपना ख्याल रखें, और खाते रहें!
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में भारत में अफ्रीकी चीताओं को लाने की अनुमति दी है। यह फैसला वन्यजीव संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अफ्रीकी चीताओं को भारत में लाने के पीछे का उद्देश्य इस प्रजाति की संरक्षा और विविधता बढ़ाने का है। इसके साथ ही यह फैसला भारतीय पर्यावरण और जैव विविधता को बढ़ावा देने का भी उद्देश्य रखता है। चीताओं को भारत में लाकर उनका पुनर्वास किया जाएगा और इससे भारतीय वन्यजीव संसाधनों की समृद्धि में वृद्धि होगी।
1947 का भारत अनुभव निश्चित रूप से विशेष था। यह स्वतंत्रता का समय था, लेकिन साथ ही विभाजन का दर्द भी बहुत अधिक था। लोगों में नई उम्मीदें और आत्मविश्वास था, लेकिन विभाजन के कारण हुए हिंसा ने उन्हें आहत किया। यह भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील अध्याय था, जिसके प्रभाव आज भी महसूस किए जा सकते हैं। इसलिए, 1947 का भारत एक मिश्रण था - उत्साह का, दुःख का, आशा का और घोर निराशा का।
मेरे ब्लॉग में मैंने विवेचना की है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय में मामले कैसे बाँटे जाते हैं। यह प्रक्रिया सुसंगठित और पारदर्शी होती है, जिसमें मुख्य न्यायाधीश और उनकी टीम द्वारा मामलों का विभाजन किया जाता है। मामलों के प्रकार, गंभीरता और उनकी प्राथमिकता के आधार पर निर्णय लिया जाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी मामले समयबद्ध तरीके से सुलझाए जाएं, इस प्रक्रिया का पालन किया जाता है। इसलिए, यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है भारतीय न्यायिक प्रणाली की कार्यक्षमता में।
भारतीय पैरिया कुत्तों को आमतौर पर कब बुज़री आती है? यह प्रश्न भारतीय पैरिया कुत्तों के मार्गदर्शकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। भारतीय पैरिया कुत्तों की बुज़री का समय अधिकतर मामलों में आठ माह के बाद आता है। यह आम तौर पर ही नहीं होता है, लेकिन कई गतिविधियों और समय के अनुसार भी अलग अलग हो सकती हैं।
एक भारतीय को विदेश में रहने के लिए क्या होता है? यह सवाल कई भारतीयों के लिए संकटकारक है। विदेश में रहने और काम करने के लिए, आपको सबसे पहले एक वैध परिवहन पत्र और एक वैध आवंटित जानकारी का अधिकार होना चाहिए। आपको अपने विदेशी देश में अपने राज्य के संबंधित प्रशासनीय स्तर से भी अनुमोदन के लिए आवेदन करना होगा। कुछ विदेशी देशों में आपको परीक्षा देनी भी हो सकती है। आपको अपने देश के दूसरे देशों में कोई रोजगार प्राप्त करने के लिए रोजगार कार्ड भी आवंटित करना होगा और विदेशी देशों के न्यायिक नीति को पालन करना होगा।
भारत के सभी राज्यों के अलावा कुछ तटस्थ प्रांतों में भी समाचार पत्र प्रकाशित किए जाते हैं। ये भारतीय समाचारपत्रों की एक विशेष प्रकार हैं जिन्हें तटस्थ समाचारपत्र कहा जाता है। ये समाचारपत्र केवल तटस्थ प्रांतों के लोगों के लिए ही प्रकाशित किए जाते हैं और ये सभी प्रांतों के पहले से ही अलग अलग होते हैं। इसके अलावा, ये समाचारपत्र विशेष रूप से भी तटस्थ रूप से प्रकाशित किए जाते हैं।
तमाम ये तटस्थ समाचारपत्र भारत के तटस्थ प्रांतों के लोगों को सूचित करने के लिए प्रकाशित किए जाते हैं।
भारत में टीवी समाचार चैनलों की संख्या अगर्त लोगों के अनुसार है। इसके अनुसार, देश में वर्तमान में कुल लगभग 800 टीवी समाचार चैनल हैं। ये चैनल हिन्दी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, कुमारिया, मराठी और अन्य भाषाओं में हैं। वे भारत में प्रारंभिक और आधुनिक समाचार को लागू करते हैं। इन समाचार चैनलों के माध्यम से, लोग राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं को जान सकते हैं।