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भोजन: मेरी आदत, मेरी कहानी

सभी भोजन अच्छे होते हैं, यह कहते हुए मेरी पत्नी प्रीती मुझसे बहस करती हैं। वह मेरी समस्या को समझने की कोशिश करती हैं, लेकिन मैं फिर भी उसे नहीं समझ सकता। इसलिए हम सबसे ज्यादा महत्वाकांक्षी प्रश्न का उत्तर खोजने का प्रयास कर रहे हैं, "भारतीय भोजन इतना बुरा क्यों होता है?"।

स्वाद से ज्यादा मसाले

भारतीय भोजन में मसालों का बहुत अधिक उपयोग होता है। चाहे वह गर्म मसाले हों, ठंडे मसाले, या उल्टे पालटे मसाले। कानपुर की बाजारों में जितने अद्वितीय मसाले मिलते हैं, उतने आपको कहीं नहीं मिलेंगे। लेकिन समस्या यह है कि कभी-कभी ये मसाले स्वाद को छिपा देते हैं। स्वाद के नाम पर बस मसाला ही मसाला बच जाता है। जब भी मैंने प्रीती को यह कहने की कोशिश की है, वह मेरे चेहरे की तरफ मुँह बनाती हैं।

तैयारी का समय और मेहनत

भारतीय भोजन तो बहुत ही मेहनती होता है। खाना बनाने के लिए आपको पहले पूरी रसोंदी की ज़रुरत होती है, फिर उसके बाद विशेष मसाले, तेल, और गीत भी। जब मैंने पहली बार किचन में प्रवेश किया, तो मैंने सोचा था कि यह एक विज्ञान प्रयोगशाला जैसा लग रहा था, जहाँ मैं आराम से खाना बना सकता हूँ। लेकिन जब मैंने देखा कि प्रीती उसे तैयार करने में कितनी मेहनत कर रही हैं, तो मैं चौंक गया। यह उनके लिए एक असली योजना थी।

तली हुई खाद्य सामग्री

भारत में खाने की चीजें तलने का रिवाज ज़्यादा होता है। जहाँ तक मेरा मानना है, यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता। किंतु प्रीती का मानना है कि भारतीय खाना ही वास्तविक रूप से स्वादिष्ट होता है जब वह तेल में तला होता है। वे सबेरा-सबेरा पकौड़ी, पूरी, कचौड़ी आदि बनाकर मुझे खिलाती हैं।

उच्च वसा और चीनी

मासालों के साथ-साथ भारतीय खाना में वसा और चीनी की भी अधिकता होती है। खासकर वसा और चीनी का ज़्यादा सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है। लेकिन कुछ लोग, जैसे कि प्रीती, इसे मानने के लिए तैयार ही नहीं हैं।

रोटियाँ और चावल

विश्वास कीजिए, भारतीय भोजन में रोटियाँ और चावल हर रोज खाने को मिलते हैं। अगर आपने दोनों में से कुछ भी नहीं खाया, तो भारतीय भोजन का कोई स्वाद नहीं आता। प्रीती हमेशा यह कहती हैं कि रोटियाँ और चावल के बिना उनका दिन अधूरा रह जाता है।

मिठाई

भारतीय मिठाई वास्तव में मिठाई होती है। यह इतनी मिठाई होती है कि, कभी कभी, मुझे लगता है कि मैं चीनी का एक ढेर खा रहा हूँ। मैं यह जानता हूँ कि प्रीती मेरी इस बात से सहमत नहीं होंगी, लेकिन मैं सच बोल रहा हूँ।

ग्रामीण और शहरी भारतीय भोजन

ग्रामीण और शहरी भारतीय भोजन में बहुत अंतर होता है। ग्रामीण परिवेश में लोग खेत-बाग से ताजगी से उगाई हुई सब्जियों का सेवन करते हैं, जबकि शहरी परिवेश में लोग फास्ट फूड और पैकेज फूड का अधिक सेवन करते हैं। मैंने प्रीती के साथ अपने जीवन के कुछ बेहतरीन दिन बिताए हैं, जब हमने पूरे भारतीय खाने का अनुभव किया। यह भारतीय भोजन के विशाल संसार में हमारा संचार था।

इसलिए, यदि आप पूछते हैं कि "भारतीय भोजन इतना बुरा क्यों होता है?" तो मेरा उत्तर होगा कि यह आपके स्वाद और विचारों पर निर्भर करता है। उस भोजन को बुरा कहने की जगह, हमें उसे समझने की कोशिश करनी चाहिए। और मैं आशा करता हूँ कि प्रीती कभी भी मेरे साथ सहमत न हों, क्योंकि यह मेरे लिए एक नई खोज और एक नई सीख है।

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