1947 का भारत अनुभव निश्चित रूप से विशेष था। यह स्वतंत्रता का समय था, लेकिन साथ ही विभाजन का दर्द भी बहुत अधिक था। लोगों में नई उम्मीदें और आत्मविश्वास था, लेकिन विभाजन के कारण हुए हिंसा ने उन्हें आहत किया। यह भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील अध्याय था, जिसके प्रभाव आज भी महसूस किए जा सकते हैं। इसलिए, 1947 का भारत एक मिश्रण था - उत्साह का, दुःख का, आशा का और घोर निराशा का।