अफ्रीकी चीता: तेज़ धावक की अद्भुत कहानी

क्या आपने कभी सोचा है कि धरती पर सबसे तेज़ जीव कौन है? वही है अफ्रीकी चीता। ये छोटा, सुनहरा‑सफ़ेद धब्बों वाला बिल्ली जैसा जीव 0‑60 किमी/घंटा की रफ्तार सिर्फ 3 सेकंड में पकड़ लेता है। रोड पर तेज़ गाड़ी भी इसको पकड़ नहीं पाती।

अफ्रीकी चीते की खासियतें

चीते के शरीर में कई चीजें ऐसी हैं जो उसे तेज़ बनाती हैं। उनके लम्बे पैर, पतले कंधे और बड़ी नाक से हवा आसानी से निकलती है, इसलिए धावक कम थकता है। पाँच पीएम की आँखें दूर तक देखती हैं, जिससे वे शिकार को जल्दी पहचान लेते हैं। उनकी धब्बेदार कोट सूरज की रोशनी में छायादार दिखती है, जिससे शिकार के पास आते‑वक्त छिपना आसान हो जाता है।

एक और रोचक बात: अफ्रीकी चीता के दिल की धड़कन दौड़ते समय 200 बीट तक पहुँच सकती है। इसलिए वो तेज़ दौड़ के दौरान बहुत ऊर्जा बना पाते हैं। लेकिन यह तेज़ी उनकी उम्र के साथ कम हो जाती है, इसलिए वे 10‑12 साल में ही अपना शिकार करने का समय खत्म कर लेते हैं।

संरक्षण और भविष्य

आज अफ्रीकी चीता को कई खतरों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे बड़ी समस्या है आवास का नुक़सान। जब किसानों ने जंगलों को फसल के लिये साफ़ किया, तो चीते के रहने की जगह घट गई। साथ ही शिकार के जानवरों की संख्या घटने से उनका भोजन भी कम हो गया।

आतंककारी शिकारियों का धंधा भी इनके लिए बुरा है। कुछ लोग चीते के कोट को बेचने के लिए उन्हें मारते हैं। इस कारण कई देशों ने चीते को कानूनी सुरक्षा दी है, लेकिन कानून बनाते‑बनाते धरती पर यह काम नहीं करता।

हम मदद कर सकते हैं। पहले तो सफारी में जब आप जंगल देखो तो उन्हें बहुत दूर से ही देखें, फोटो के लिये भी नजदीक न जाएँ। दूसरा, स्थानीय वन्यजीव संरक्षण समूहों को दान दें या उनके अभियानों में भाग लें। तीसरा, अपने बच्चों को वन्यजीव के महत्व के बारे में सिखाएँ, ताकि अगली पीढ़ी इन्हें बचाने के लिए तैयार हो।

अगर आप यात्रा पसंद करते हैं, तो अफ्रीका के कुछ राष्ट्रीय उद्यान जैसे कि केन्या का मसाई मारा या तंजानिया का सफारी पार्क में चीते देख सकते हैं। वहाँ गाइड आपको बता देंगे कि किस समय और कहाँ चीते के देखने का सबसे अच्छा मौका है। याद रखें, लम्बी दूरी तक धावक को देखना अभी भी बहुत दुर्लभ है, इसलिए धैर्य रखें और प्रकृति को अपना स्थान दें।

सारांश में, अफ्रीकी चीता न सिर्फ़ तेज़ धावक है, बल्कि वह जंगल का एक जरूरी हिस्सा भी है। उनकी सुरक्षा मतलब पूरे इकोसिस्टम को बचाना। आपका छोटा‑सा योगदान भी बड़ा बदलाव ला सकता है। अगली बार जब आप सफारी या डाक्यूमेंट्री देखें, तो इन तेज़ धावकों के बारे में कुछ नया सीखने की कोशिश करें।

समाचार देख

सुप्रीम कोर्ट की अनुमति अफ्रीकी चीता को भारत लाने के लिए?

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में भारत में अफ्रीकी चीताओं को लाने की अनुमति दी है। यह फैसला वन्यजीव संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अफ्रीकी चीताओं को भारत में लाने के पीछे का उद्देश्य इस प्रजाति की संरक्षा और विविधता बढ़ाने का है। इसके साथ ही यह फैसला भारतीय पर्यावरण और जैव विविधता को बढ़ावा देने का भी उद्देश्य रखता है। चीताओं को भारत में लाकर उनका पुनर्वास किया जाएगा और इससे भारतीय वन्यजीव संसाधनों की समृद्धि में वृद्धि होगी।