मेरे ब्लॉग में मैंने विवेचना की है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय में मामले कैसे बाँटे जाते हैं। यह प्रक्रिया सुसंगठित और पारदर्शी होती है, जिसमें मुख्य न्यायाधीश और उनकी टीम द्वारा मामलों का विभाजन किया जाता है। मामलों के प्रकार, गंभीरता और उनकी प्राथमिकता के आधार पर निर्णय लिया जाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी मामले समयबद्ध तरीके से सुलझाए जाएं, इस प्रक्रिया का पालन किया जाता है। इसलिए, यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है भारतीय न्यायिक प्रणाली की कार्यक्षमता में।